श्री महावीर स्मारक सेवा समिति की स्थापना को 40 वर्ष पूरे हो चुके है । संस्थापकों के इस समिति का प्रबन्ध प्रारम्भ में एक समिति को सौंपा गया । तब से अब तक समिति ने अजमेर जिले में समाज में सेवा के कार्यों को संकल्पित होकर अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया है । इसके लिये पूर्व के वर्षों के समिति नेतृत्व एवं कार्यकर्त्ता बधाई के पात्र है। मुझसे पूर्व समिति के अध्यक्ष श्री सम्पतमलजी लोढा, श्री रणजीतसिंह जी कूमट एवं श्री मांगीलालजी जैन ने समिति को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया है ।
समिति शुरु से ही सेवाकार्यों के लिये आत्म निर्भर रही है । किराया, दान व ब्याज आय के मुख्य स्त्रोत रहे है। 40 वर्ष की पूर्व की सदस्य संख्या में बदलाव आया है। समिति को युवा सदस्यों की आवश्यकता को देखते हुए हमने नये ऊर्जावान सदस्यों को समिति से जोड़ा है । इससे समिति के सेवा कार्यों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। समिति ने इस वर्ष जरूरतमंद व प्रतिभावान विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति राशि में पूर्व वर्ष से 4 गुना वृद्धि की है जो उल्लेखनीय है।
समिति भवन में निरन्तर होम्योपैथिक, आयुर्वेद व ऐलोपेथिक चिकित्सीय परामर्श व औषधि वितरण किया जाता है। चिकित्सालय में अनुभवी चिकित्सकों की सेवाओं से दूर के मरीज भी लाभान्वित होते है ।
भगवान महावीर ने मनुष्य ही नहीं प्राणी मात्र की सेवा करने का संदेश दिया है। इसी क्रम में मेरा भविष्य में समिति में पशु और पक्षियों पर्यावरण की सुरक्षा तथा प्रशिक्षण हेतु सहयोगी संस्था के स्थापित करने का लक्ष्य रहेगा। विकलांग व असहाय लोगों को सहयता, विधवा सहायता, औषधि सहायता पर अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो ऐसा हमारा लक्ष्य रहेगा।
माननीय आर. एस. कुमट सा. का निर्देश था कि 40 वर्ष के समाप्ति पर समिति एक स्मारिका का प्रकाशन करे | समिति के सदस्यों ने इस लक्ष्य को समयावधि में पूरा किया और वे बधाई के पात्र है। सभी विज्ञापनदाता व लेखकों को भी साधवुद !
-इन्दरचन्द हरकावत